देशी गौ माता के गौ मूत्र से ठिक होने वाले रोग और लेने का तरीका

1- कब्ज होने पर या उदर शुद्धि के लिए गौैमूत्र को अधिक से अधिक बार कपडे मे छानकर पीना चाहिए 

2- जीर्णज्वर, पाण्डु सूजन आदि मे गौैमूत्र 7 दिन तक सुबह साम सेवन करना चाहिये ।

3- मूत्रा अवरोध होने पर एक छटाक पानी में 20 मिली गौैमूत्र मिलाकर पिलाना चाहिए ।

4- खांसी, दमा, नजला, जुकाम आदि कफ के रोगों मे तुरंत कफ को बाहर निकालने और ठीक करता है ।

5- जलोदर मे रोगी केवल गोदुग्ध का सेवन करें और ताजा गौैमूत्र मे सहद मिलाकर सेवन करे ।

6-  आखो मे जलन, कब्ज, सरीर मे सुस्ती और अरूचि होने पर गौैमूत्र मे सक्कर मिलाकर लेना चाहिए ।

7- खाज, फुंसी, फोटो आदि मे ताजा गौैमूत्र मे आंबा हल्दी चूर्ण मिलाकर सेवन करना चाहिए ।

8- प्रसूति के बाद स्त्रियों मे सुवा रोग में स्र्ति को गौैमूत्र का सेवन कराना चाहिये ।

9- चर्म रोगों में हरताल, बाकुची और मालकांगनी को गौमुत्र मे भिगोकर सोगठी बनाकर इसे दूषित त्वचा पर लगाना चाहिए ।

10- सफेद कुष्ठ में बावची के बीज को गौमुत्र में अच्छी तरह पीसकर लेप करना चाहिए।

11- कर्ण वेदना आदि मे गौमुत्र को गर्म करके कान मे 2 बूदे डालनी चाहिए ।

12- काला जीरा गौमुत्र में पीसकर सरीर पर मालिश तथा ताजा गौैमूत्र पानी में डालकर इससे  स्नान करने से चर्म रोग ठीक हो जाते है।


13- क्रमी (पेट में किडे) रोग में जिकामाली का चूर्ण गौमुत्र के साथ लेना चाहिए ।

14- हाथी पाँव (फाइलेरिया)  रोग में गौमुत्र के साथ खादिरसार भथ्था का चूर्ण सुबह स्याम खाली पेट लेना से रोग मिट जाता है ।

15- गौमुत्र मे पुराना गुड और हल्दी चूर्ण मिलाकर पीने से दाद, कुष्ठ रोग और हांथी पाँव में लाभ होता है। 

16- गौमुत्र मे एरण्डी तेल डालकर पीने से संधिवात (गठिया) व अन्य वातजनित रोग नष्ट हो जाते हैं ।

17- बच्चो को उदर वेदना तथा पेट फूलने पर एक चम्मच गौमुत्र में नमक डालकर पिलाना चाहिए ।

18- बच्चो मे सूखा रोग होने पर एक मास तक सुबह स्याम खाली पेट गौमुत्र में केसर डालकर पिलाना चाहिए ।

19- शरीर में खुजली होने पर गौैमूत्र मे नीम के पत्ते पीसकर डाल कर लगाना चाहिए ।

20- गौ मूत्र का नियमित सेवन करने से स्फूर्ति रहती हैं भूख बढ़ती है और रक्तचाप स्वभाविक होने लगता है ।


नोट :- ताजा गौैमूत्र साफ कपड़े मे
अनेक बार छानकर प्रयोग करे 
जिस गौ माता का मूत्र ले वह गर्भवती न हो 

15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए उनकी उम्र के हिसाब से दे 

जैसै 0-14 वर्ष के बच्चो को अधिकतम 5 एमल से 25 एमल तक 24 घंटे में 
और गर्भवती महिलाओ को 10एमल मे इतना ही पानी और सहद मिलाकर देना चाहिए 


पंचगव्य पंचाम्रत पुस्तक से 


Hr. deepak raj mirdha
yog teacher , Acupressure therapist and blogger
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देशी गौ माता के गौ मूत्र से ठिक होने वाले रोग और लेने का तरीका देशी गौ माता के गौ मूत्र से ठिक होने वाले रोग और लेने का तरीका Reviewed by deepakrajsimple on December 19, 2017 Rating: 5

1 comment:

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