अगर हम लोग अपने जीवन में देखें तो पता चलेगा कुछ लोग सफल हैं कुछ लोग असफल हैं।
क्या कारण है इसका और साथ ही जवाब इसका भी चाहिए कि सफलता या असफलता क्या है। कई बार ऐसा होता है कि जिसे हम असफल करते हैं वह वास्तव में कहीं न कहीं किसी मुद्दे पर सफल होता है। और जिन्हें हम सफल कहते हैं वह अंदर ही से ही टूटा हुआ मिलता है। तो सफलता है क्या। आज इस पर विचार कर लिया जाए।
हम सब जब जन्म लेते हैं तब हम सभी दुनिया को करीब से देखना चाहते हैं। हर वस्तु नहीं लगती है हर अनुभव नया लगता है हर स्वाद नया लगता है हर रंग अपनी ओर खींचता है। और इस समय हम चाहते हैं कि सब कुछ टेस्ट कर ले। हमारे मन में सवाल होते हैं जिनके जवाब हम खोजना चाहते हैं। हमारे हाथों में ताकत होती है जिससे कुछ करना चाहते हैं। मेरे पैरों में गति होती है और हम हर जगह दौड़कर पहुंचना चाहते हैं। दिलों में गति होती है। और यही गति बचपन की पहचान है। इस समय आपके माता पिता आपके अंकल आपके पापा के फ्रेंड और भी बहुत सारे लोग पूछते हैं आपसे कि आप बड़े होकर क्या बनोगे? आप थोड़ा सा समय ले या फिर अचानक भी जवाब दे देते हैं आप एक डॉक्टर बनेंगे या एक इंजीनियर बनेंगे या एक फौजी बनेंगे। आपके दिमाग में एक तस्वीर होती है और आप उस तस्वीर को पाना चाहते हैं उसमें जीना चाहते हैं पूरा जीवन लगाना चाहते हैं। आपका वह सपना पूरा हो जाए इसके लिए आप हर तरीके के जतन करते हैं। अगर आपने अपने जीवन में उस सपने को जी लिया बड़े होने पर भी आपने अपने बचपन के उस ख्वाब को पूरा कर दिया जो आपने कच्ची उम्र में देखा था उसे बढ़ी हुई उमर में जी रहे हैं तो आप सफल हैं।
हम अक्सर एक गलती करते हैं कि हम बड़े हो जाते।
अगर चिंता दुख तकलीफ परेशानी तनाव का नाम ही बड़े होना है तो यह बड़प्पन आपको मुबारक हो मुझे तो वह पुराना बचपन ही प्रिय है जिसमे चोट लगती है पर उठने में देर नहीं करते। जिसमें चेहरे पर तमाचे तो लगते पर अगले ही पल उसे स्वीकार भी कर लेते। दोस्त से झगड़ा तो करते हैं पर उसे दुश्मन नहीं बना लेते हैं। सपने होते हैं और वह सोने नहीं देते। मां बार-बार आवाज देती है लाइट बंद कर दो सो जाओ पर नींद आती नहीं। और वह सपना जो बचपन में आपको इतना बेचैन करता है आपकी मासूमियत पर हावी हो जाता है अगर उसे आप पूरा कर लेते हैं तो आप सफल हो जाते है। इससे फर्क नहीं पड़ता है कि आप कितना कमाते हैं कितना बचाते हैं। इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप के पास कितनी कार है और आपके बिल्डिंग ऊंचाई कितनी है। इससे फर्क नहीं पड़ता कि आपके हाथ में जो घड़ी है वह सोने की है चांदी की है या प्लास्टिक की है।
जिंदगी में फर्क सिर्फ एक बात से पडती है कि आप ने जो चाहा उसे पाया।
और आप ने नहीं पाया है तो पाने का प्रयास करते रहिए जिंदा रहने की यही निशानी है। सांसे तो मशीन भी लेती है बढ़ने का काम तो पेड़ भी करते हैं। सपने सिर्फ इंसान देखते हैं और उसे पूरा करना भी सिर्फ इंसान का काम है।
तुम मेरी नजर में सफलता की परिभाषा यही है कि आप जो चाहते हैं जिसमें आप खुशी महसूस करते हैं उस चीज को करें उस काम को करें उस से आमदनी हो और वह आमदनी से आप आराम से अपना जीवन चला सके। गरीबी कई बार सपनों को मार देती है इसलिए इस गरीबी को मौका मत दीजिए। गरीबी को अपने से दूर रखें।
अब आपका काम है अपने उस सपने को लिख लेना और उसे हासिल करने का प्लानिंग करना।
मैं एक बहुत ही छोटे शहर हजारीबाग का निवासी हूं जो झारखंड में है। झारखंड एक नया स्टेट है भारत का। आज से 17 साल पहले या स्टेट बना। हमारे शहर में एक बार एक कार्यक्रम हुआ। हमारे शहर में एक हाल है जिसका नाम टाउन हॉल है। आप सभी जानते हैं कि हर शहर में एक किस तरह का टाउन हॉल होता है जिसमें बहुत सारे प्रोग्राम होते रहते हैं। ऐसा ही एक प्रोग्राम विश्वरूप राय सर का था। एक बेहतरीन मेमोरी ट्रेनर है भारत के सबसे अच्छे मेमोरी ट्रेनर उनका एक डेमो प्रोग्राम था जो 1 घंटे का था। हमारे छोटे से शहर में ऐसे प्रोग्राम कराने का सामान्यत: कोई सोचता नहीं
है। ऐसा मौका मिला हमें यह हमारी खुशनसीबी थी। प्रोग्राम के अंत में मैं और मेरा भाई सर से मिले और उनसे अलग अलग सवाल पूछे। मेरे भाई ने क्या पूछा वह मुझे पता भी नहीं चल पाया। पर मैंने जो सवाल पूछा वह यही था कि जीवन में सफलता कैसे प्राप्त करें। उन्हें सिर्फ एक लाइन में उत्तर दिया कि जो सपना आप देखें कभी भी उस को आंखों से ओझल नहीं होने दें। जो काम करते हैं करिए पर हमेशा ध्यान उस सपने पर होना चाहिए। तो यह फार्मूला उन्हीं के समय से मुझे मिला और मैं इसी फार्मूले को यहां शेयर कर रहा हूं।
जो सपना आप देख रहे हैं उसे देखते रहिए वह नजरों से दूर नहीं होना चाहिए जहां नजरों से दूर हुआ वह गुम हो जाएगा वह खत्म हो जाएगा। कई बार छत पर बैठकर पंछियों को देखता रहता हूं और महसूस करता हूं कि किसी का चिड़िया पर आप फोकस करते हैं उसको उड़ते हुए देखते हैं तो वह दीखता रहता है। आपकी नजर जैसे ही उस से हटती है फिर वह दुबारा मिलता नहीं कहीं गुम हो जाता है बाकी पंछियों के झुंड में। एक चिड़िया हो तो चल जाता है पर जिंदगी का सपना हो तो ऐसे नहीं चल सकता है।
तो यह सफलता प्राप्त करने का दूसरा फार्मूला है कि सपना देखते रहिए।
पर कई बार ऐसे भी लोग होते हैं जिनको मालूम नहीं होता है कि ऐसा कोई सपना देखा भी जाता है। हो सकता है इसमें आप का भी नाम शामिल हो तो कोई गलत बात नहीं है। सामान्य बात है।
पर अगर आगे भी ऐसा ही होता रहा वह भी यह सामान ही रहेगी। जीवन में कुछ ऊंचाई को प्राप्त करने के लिए आपको इस भीड़ का हिस्सा बनने से इंकार करना होगा। खुद को ऊंचा उठाना होगा। आपको खुद को एहसास दिलाना होगा कि आप इस भीड़ का हिस्सा नहीं है आप कुछ अलग। आपको नए रास्ते तलाशने होंगे जो मुश्किल हो सकते हैं। और अगर आपके पास ऐसे ना रास्ते हैं ना मंज़िल हैं तो एक फार्मूला अंत में आपको बताता हूं जो बड़ा रोचक है।
जापान में लोग कुछ न कुछ काम करते ही हैं। आप काम के प्रति बहुत ही समर्पण होता है लोग इमानदार होते हैं और इमानदारी दिखाने में खुद में फक्र महसूस करते हैं। वह हर काम खुशी-खुशी करते हैं जो जरुरी होता है। खुश रहते हैं तो इसके पीछे एक राज है उसको जान लीजिए यही आपके सवालों का जवाब है।
वह एक काम सुन लेते हैं जिसको करने में उन्हें बहुत मजा आता है। हम लोग इसे आम भाषा में हॉबी कह सकते हैं। एक जापानी जब सुबह उठता है तो अपना अभी वाला काम सबसे पहले करता है। इस कारण उसको सुबह जल्दी उठना भी पड़ता है पर उसे इस से दिक्कत नहीं है। रात को कभी भी सुबह सुबह को जल्दी उठ जाता है। अगर किसी की हॉबी पेंटिंग बनाने की है तो वह सुबह में 4:00 बजे भोर उठकर ही पेंटिंग बनाएगा। किसी को लिखने का शौक है तो वह सुबह सबसे जल्दी उठेगा और कहानियां कविताएं लेख जो भी हो सके लिखेगा। किसी को मोटरसाइकिल चलाने का शौक है वह सुबह उठकर मोटरसाइकिल चलाएगा सबसे पहले। कई बार कोर्स की किताबें पढ़ने के अलावा भी किताबें होती हैं जिन्हें पढ़ने में मजा आता है पर वह कोर्स का हिस्सा नहीं होती है। जिन को पढ़ने का शौक होता है वह सुबह उठकर सबसे पहले इन किताबों को पढ़ते हैं। सुबह जब आप 2 घंटे अपने शौक पर बिता देते हैं तो आपका मन खुश हो जाता है आप आनंद में चले जाते हैं। आप फुर्तीला महसूस करते हैं आप में ऊर्जा आ जाती है। ऊर्जा और उत्साह यह दो चीजें हैं जो व्यक्ति को आगे की ओर धकेलती है। तो ऊर्जा और उत्साह के लिए आपको यही करना है यह फॉर्मूला है जीत का।
तो सबसे पहले सुबह उठकर जल्दी और जो आपको अच्छा लगता है उससे कीजिए जो भी अच्छा लगता है उसे कर ही डालिए।
अगर आप सहमत हैं मेरे इन बातों से तो मुझे बताइए मैं आपके कमेंट का इंतजार करुंगा। आप की हॉबी अगर मेरे साथ शेयर करना चाहते हैं तो बहुत अच्छा है इस से हाबी को प्रोफेशन में बदलने में ज्यादा आसानी होती है। हो सकता है अगर आप कुछ लोगों के साथ अपनी हॉबी को शेयर करेंगे तो इससे एक बिजनेस मॉडल भी बाहर निकल कर आए। चलिए देखिए यहां तक आ गए हम लोग की सक्सेसफुल व्यक्ति कौन होता है।
जिस व्यक्ति का पैशन या हौबी ही प्रोफेशन बन जाता है वह व्यक्ति सफल हो जाता है।
या
जिस व्यक्ति की हॉबी जिंदा होती है वह व्यक्ति भी जिंदा होता है।
आपका सिंपल
दीपक राज सिंपल
Hr. deepak raj mirdha
yog teacher , Acupressure therapist and blogger
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Reviewed by deepakrajsimple
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December 17, 2017
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