पेट में गैस बनने की समस्या काफी तकलीफदेह साबित होती है। यह कई बार आपको शर्मिदा तो कर ही सकती है, आपके पाचन तंत्र की भी सेहत बिगाड़ सकती है। हर व्यक्ति के शरीर में बनती है गैस। यह शरीर से बाहर या तो डकार द्वारा या गुदा मार्ग से निकलती है। अधिकतर लोग 1 से 4 पिंट्स गैस पैदा करते हैं और एक दिन में कम-से-कम 14 से 23 बार गैस पास करते हैं। जिनकी पाचन शक्ति अक्सर खराब रहती है और जो प्राय: कब्ज के शिकार रहते हैं, उनमें गैस की समस्या अधिक होती है। मशीनों पर निर्भर आधुनिक जीवनशैली ने शारीरिक सक्रियता काफी कम कर दी है। लोगों ने अपनी खानपान की आदतें भी काफी बिगाड़ ली हैं। उन्हें आराम से चबा-चबाकर पोषक भोजन खाने के बजाए जल्दी-जल्दी जंक फूड खाना पसंद है। यही वजह है कि आजकल गैस की समस्या से काफी लोग परेशान रहते हैं। लंबे समय तक रहने वाली गैस की समस्या अल्सर में बदल सकती है जो और कई तरह की समस्याएं पैदा कर सकती हैं।
क्यों बनती है गैस :
निगली गई हवा द्वारा
एरोफैगिया या निगली गई हवा पेट में गैस बनने का सबसे प्रमुख कारण है। हर कोई थोड़ी मात्रा में खाते और पीते समय हवा निगल लेता है। हालांकि, जल्दी-जल्दी खाने या पीने, च्यूंगम चबाने, धूम्रपान करने से कुछ लोग ज्यादा हवा अंदर ले लेते हैं, जिनमें नाइट्रोजन, ऑक्सीजन और कार्बन डाई ऑक्साइड होती हैं। कुछ हवा डकार के द्वारा बाहर निकल जाती है, लेकिन कुछ आंत में चली जाती है। बची हुई थोड़ी सी गैस यहां से बड़ी आंत में चली जाती है, जो गुदा मार्ग द्वारा बाहर निकलती है।
अनपचे भोजन के टूटने से
शरीर कुछ कार्बोहाइड्रेट को न तो पचा पाता है और न ही अवशोषित कर पाता है। कई भोज्य पदार्थों में शुगर, स्टार्च और रेशे पाए जाते हैं। छोटी आंत में कुछ निश्चित एंजाइमों की कमी या अनुपस्थिति से इनका पाचन नहीं हो पाता। यह अनपचा भोजन छोटी आंत से बड़ी आंत में जाता है, जहां बैक्टीरिया इस भोजन को तोड़ते हैं। इससे हाइड्रोजन, कार्बन डाईऑक्साइड और एक तिहाई लोगों में मिथेन निकलती है। उम्र बढ़ने के साथ शरीर में एंजाइम का स्तर कम हो जाता है, इसलिए गैस की समस्या ज्यादा बढ़ जाती है।
लक्षण और समस्यांए
पेट में गैस बनने के सबसे आम लक्षण हैं पेट फूल जाना, पेट में दर्द होना, डकार आना और गैस पास करना। इनके कारणों को समझकर उपचार किया जा सकता है।
डकार लेना
जब कोई व्यक्ति खाने के दौरान या बाद में डकार लेता है तो इसका अर्थ है कि उसने खाने के साथ ज्यादा मात्रा में हवा निगल ली है। लेकिन ज्यादा डकार आने का कारण पाचन तंत्र के ऊपरी भाग में पेप्टिक अल्सर या गैस्ट्रोपारेसिस जैसी समस्याएं हो सकता है।
फ्लैटुलेंस
इसे सामान्य भाषा में गैस पास करना कहते हैं। अधिकतर लोग यह नहीं जानते कि एक दिन में 14-23 बार गैस पास करना सामान्य बात है। अधिक गैस बनना कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण नहीं होने का संकेत है।
पेट फूलना
पेट का फूलना गैस की वजह से हो सकता है या बड़ी आंत का कैंसर या हार्निया भी इसका कारण बन सकता है। ज्यादा वसायुक्त भोजन करने से पेट देर से खाली होता है। इससे भी पेट फूल जाता है और बेचैनी होती है।
पेट दर्द
जब आंत में गैस मौजूद होती है, तब कुछ लोगों को पेट दर्द होता है। जब बड़ी आंत की बायीं ओर दर्द होता है, तो इससे हृदय रोग का भ्रम होता है, लेकिन जब दर्द दायीं ओर होता है, तो यह एपेन्डिक्स हो सकता है।
ये मुश्किलें बढ़ा सकती हैं गैस
जीभ पर सफेद पर्त जमा होने से खाने का जायका बिगड़ सकता है, सांस में बदबू की समस्या का सामना करना पड़ सकता है, मल से बदबू आने की समस्या हो सकती है
गैस से दुर्गंध क्यों आती है, शरीर में बनने वाली गैस प्राथमिक तौर पर गंधहीन होती है। कभी-कभी गुदा मार्ग से निकलने वाली गैस में जो अरुचिकर गंध होती है, वह बड़ी आंत से थोड़ी मात्र में बनने वाली गैस के कारण होती है, जिसमें सल्फर होता है।
घरेलू नुस्खे
लहसुन पाचन की प्रक्रिया को बढ़ाता है और गैस की समस्या को कम करता है
नारियल पानी गैस की समस्या में काफी प्रभावकारी है
अदरक में पाचक एंजाइम होते हैं। खाना खाने के बाद अदरक के टुकड़ों को नींबू के रस में डुबोकर खाएं। गैस की समस्या से छुटकारा मिलेगा
लंबे समय से गैस से पीड़ित हैं तो लहसुन की तीन कलियों और अदरक के कुछ टुकड़ों को खाली पेट खाएं
प्रतिदिन खाने के साथ टमाटर खाएं। अगर टमाटर में सेंधा नमक मिला लें तो और अधिक फायदेमंद रहेगा
पुदीना खाएं, क्योंकि इससे पाचनतंत्र ठीक रहता है
हरी इलाइची के पाउडर को एक गिलास पानी में उबालें। इसको खाना खाने के पहले गुनगुने रूप में पी लें। इससे गैस कम बनेगी
ज्यादा गैस बनाने वाले भोजन
सब्जियां में ब्रोकली, पत्तागोभी, फूलगोभी और प्याज, फल में नाशपति, केला और आड़ू, साबुत अनाज में गेहूं, सॉफ्ट ड्रिंक्स और फलों का जूस,दूध-दूध से बने उत्पाद, जैसे पनीर, आइस्क्रीम और डिब्बाबंद भोजन, ऐसे भोजन जिनमें सोर्बीटोल होता है, जैसे शूगर फ्री कैंडी या च्यूंगम, मटर, ब्रेड, सलाद, फलियां
गैस से बचने के उपाय
कार्बोनेटेड ड्रिंक्स और वाइन न पिएं, ये कार्बन डाईऑक्साइड छोड़ती हैं, पाइप के द्वारा कोई चीज न पिएं बल्कि सीधे गिलास से पिएं, तला-भुना, मसालेदार भोजन न करें, तनाव भी गैस बनने का एक प्रमुख कारण है, इससे दूर रहने की कोशिश करें, कब्ज भी इसका एक कारण हो सकता है। जितने लंबे समय तक भोजन बड़ी आंत में रहेगा, उतनी मात्रा में गैस बनेगी, खाने को धीरे-धीरे और चबाकर खाएं। दिन में तीन बार के बजाए कुछ-कुछ घंटों के अंतराल पर मिनी मील खाएं, खाकर तुरंत न सोएं। थोड़ी देर टहलें ताकि पाचन भी ठीक रहे, पेट भी नहीं फूले, अपनी बायोलॉजिकल घड़ी को दुरस्त रखने के लिए एक निश्चित समय पर खाना खाएं, कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन ज्यादा गैस बनाते हैं, वसा और प्रोटीन युक्त भोजन कम मात्रा में गैस बनाते हैं, लैक्टोस से यह समस्या होती है, तो दूध और दूध से बने उत्पाद न लें, मौसमी फल और सब्जियों का सेवन करें,चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक का इस्तेमाल कम करें, जंक फूड और स्ट्रीट फूड न खाएं, व्यायाम, योग को दिनचर्या में शामिल करें और पैदल चलने की आदत डालें, धूम्रपान और शराब से दूर रहें, अधिक से अधिक रेशेदार भोजन लें,सर्वागासन, उत्तानपादासन, भुजंगासन आदि नियमित रूप से करना चाहिए।
Hr. deepak raj mirdha
yog teacher , Acupressure therapist and blogger
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पेट में गैस बनने की समस्या
Reviewed by deepakrajsimple
on
November 09, 2017
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