पुरुष ग्रंथि का बढ़ना (Prostate enlargement)

पुरुष ग्रंथि का बढ़ना (Prostate enlargement)

 

*परिचय:*

यह रोग पुरुषों में ही होता है क्योंकि पुरुष ग्रंथि स्त्रियों में नहीं होती है केवल पुरुषों में होती है। पुरुष में यह ग्रंथि मूत्राशय की ग्रीवा तथा मूत्रमार्ग के ऊपरी भाग को चारों तरफ से घेरकर रखती है। इस ग्रंथि के द्वारा सफेद, लिसलिसा तथा गाढ़ा स्राव निकलता है। जब पुरुष उत्तेजित होता है तो उस समय शुक्राणु प्रोस्टेट में पहुंच जाते हैं। यह लिसलिसा पदार्थ इन शुक्राणुओं को जीवित रखने और बाहर निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब यह ग्रंथि अधिक बढ़ जाती है तो मूत्राशय तथा मूत्रमार्ग की क्रियाओं में बाधा उत्पन्न होती है।

 

*पुरुष ग्रंथि का अधिक बढ़ने का लक्षण:*

जब पुरुषों की पुरुष ग्रंथि बढ़ जाती है तो उस रोगी के पेशाब की धार पतली हो जाती है तथा पेशाब कम और रुक-रुक कर आता है।इस रोग से पीड़ित रोगी को रात के समय में कई बार पेशाब करने के लिए उठना पड़ता है।

रोगी को एक बार में पेशाब पूरा नहीं आता इसलिए उसे पेशाब बार-बार करने जाना पड़ता है। 
रोगी व्यक्ति का पेशाब बूंद-बूंद करके आने लगता है।
इस रोग से पीड़ित रोगी पेशाब तथा शौच को रोकने में असमर्थ होता है।

इस रोग से पीड़ित रोगी को सिर में दर्द, 
घबराहट,
 थकान, चिड़चिड़ापन,
 लिंग का ढीला हो जाना तथा अधिक कमजोरी महसूस होना आदि परेशानियां होने लगती हैं।

 

*पुरुष ग्रंथि के अधिक बढ़ने के कारण:*

गलत तरीके के खान-पान तथा दूषित भोजन का सेवन करने से पुरुष ग्रंथि के अधिक बढ़ने का रोग हो जाता है।

मानसिक तनाव अधिक होने, अधिक चिंता करने तथा क्रोध करने के कारण पुरुष ग्रंथि का अधिक बढ़ने का रोग हो सकता है।

नशीले पदार्थों का अधिक सेवन करने के कारण भी यह रोग हो सकता है।
पेट में कब्ज बनने के कारण भी पुरुष ग्रंथि बढ़ जाती है।
मूत्र तथा शौच की गति को रोकने के कारण भी पुरुष ग्रंथि अधिक बढ़ सकती है।
लगातार लम्बे समय तक बैठने का कार्य करने से व्यक्ति के बस्ति प्रदेश पर बोझ पड़ता है जिसके कारण इस ग्रंथि में सूजन हो जाती है और यह रोग व्यक्ति को हो जाता है।

 

*पुरुष ग्रंथि के अधिक बढ़ने पर प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार:*

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इस रोग को ठीक करने के लिए सबसे पहले इस रोग के होने के कारणों को दूर करना चाहिए और इसके बाद इसका उपचार प्राकृतिक चिकित्सा से करना चाहिए।

पुरुष ग्रंथि के बढ़ने के रोग को ठीक करने के लिए रोगी व्यक्ति को 2 दिन उपवास रखने के बाद लगभग 10 दिनों तक फलों तथा सब्जियों का हल्का भोजन लेना चाहिए।

इस रोग से पीड़ित रोगी को अधिक मात्रा में पानी तथा नींबू का पानी पीना चाहिए।

 धनिये के पानी तथा कच्चे नारियल के पानी को भी पीना लाभदायक है।

बन्दगोभी, तरबूज, खीरा, सफेद पेठा, गाजर, अनन्नास आदि का रस पीना भी बहुत लाभदायक होता है।

इस रोग से पीड़ित रोगी को दूषित भोजन, उत्तेजक खाद्य पदार्थ, मिठाई, घी, तली हुई चीजें बिल्कुल भी सेवन नहीं करनी चाहिए।

यदि रोगी व्यक्ति को कब्ज बन रही हो तो सबसे पहले कब्ज को दूर करना चाहिए तथा इसके बाद इस रोग का उपचार करना चाहिए।

पालक और कुलथी को बराबर मात्रा में लेकर पानी में डालकर अच्छी तरह से उबालकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े को सुबह-शाम सेवन करने से यह रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।

2 अंजीर को प्रतिदिन पानी में भिगोकर रख दें। इनको सुबह तथा शाम को खाकर इस पानी पी लें। इस प्रकार से प्रतिदिन उपचार करने से यह रोग ठीक हो जाता है।
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पुरुष ग्रंथि का बढ़ना (Prostate enlargement) पुरुष ग्रंथि का बढ़ना (Prostate enlargement) Reviewed by deepakrajsimple on September 01, 2021 Rating: 5

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