हलेलूईया_भाग_3;
प्रोजेक्ट AD 2000 के जोशुआ में कन्वर्ट होने के बाद जोशुआ की कार्य प्रणाली पर नज़र डालेंगे तो पाएँगे की कन्वर्ज़न( मत परिवर्तन) का रेट भारत के संदर्भ में बहुत तीव्र गति से बढ़ा तो आइए समझते हैं उनकी कार्य प्रणाली में aisa क्या बदलाव था जिससे की कन्वर्ज़न में इस तरह सफलता मिली .....
जोशुआ से जुड़े लोगों ने अपनी रणनीति में बदलाव किया उन्होंने पिन कोड सिस्टम को फ़ॉलो किया जैसा की हम सब जानते हैं सन 1972 में भारत ने पिन कोड सिस्टम चालू किया था , किसी भी एरिया को पत्राचार या आयडेंटिफ़िकेशन के लिए 6 डिजिट पिन कोड दिया गया अंग्रेज़ी तर्ज़ पर ।
यह भारत का जीअग्रैफ़िकल (भौगोलिक) वितरण था जो कि पिन कोड के आधार पर चिन्हित किया गया जैसे आपको किसी जिले किसी गाँव की स्थिति पता करनी है तो वहाँ का पिन कोड पता होना चाहिए
पिन कोड सिस्टम #ईसाई_मिशनरीज़ और #जोशुआ के लिए एक बहुत कारगर ईवैंजेलिकल टूल साबित हुआ । मिशनेरीज़ पिन कोड को किसी भी एरिया की सामाजिक और भाषाई स्थिति का पता लगाने के लिए इस्तेमाल करने लगे , इसके बाद मिशनरीज़ उस डिविज़न (एरिया) के लिए उसी इवैंजेलिस्ट को भेजते थे जो वहाँ की भाषा और सामाजिक तथा भौगोलिक स्थिति की समझ रखता था या फिर उसी हिसाब से इवैंजेलिस्ट तैयार किए जाते थे जिसके परिणामस्वरूप कन्वर्ज़न आसानी से होने लगा ।
इस बार मिशनेरीज़ ने छोटी जातियों को टार्गट किया जिनकी सोसीओएकनामिक ( सामाजिक आर्थिक)स्थिति ठीक नहीं थी जिसका कारण था अंगरेजो की संगठित लूट क्यूँ की कार्यकुसलिव लोग इसी जाति के थे जिनको अंगरेजो ने बर्बाद कर कास्ट सिस्टम में घुसाया था और उसका ज़िम्मेदार तथाकथित सवर्ण जातियों को बताया गया । यह आँकडें उन्हें ईवैंजेलिकल फ़ेलोशिप ऑफ़ इंडिया (EFI) से आसानी से मिल जाते थे
इस पूरे प्रकरण को बल मिला उस मूव्मेंट से जिसमें तथाकथित दलित नेताओ ने एक पूरे वर्ग ( लगभग 300 million दलित)को यह कहा कि हिंदुओं में इनकी स्थिति "less than human" है माने दमित किया हुआ है इनको मनुष्य नहीं समझा जाता है इस प्रकरण को उछालने में कॉम्युनिस्ट और तथाकथित दलित चिंतकों ने महान भूमिका निभाई
इसी को आधार बनाकर चर्च और मिशनेरीज़ ने अपना इन्वोल्वमेंट सुरु किया जब बर्बर ईसाइयों ने ज़ोर ज़बरदस्ती से लूट को अंजाम दे दिया तब नक़ाब ओढ़ा ह्यूमन राइट कमीशन का और इन सब ने मिलकर ख़ुद को दलितों का मशीहा बनाया और कन्वर्ट करना सुरु किया
जो मित्र पूछ रहे थे सरकार कुछ क्यूँ नहीं करती उनका आधा जवाब यहाँ है की जब इस जाति व्यवस्था के दलदल में समाज है और राजनैतिक दल आए दिन दलित महादलित उत्पीड़न का हल्ला मचाते हैं , वामपंथी और तथा कथित दलित चिंतक उनके बौद्धिक एजेंट हैं साथ ही मिशनरीज़ से वित्त पोषित भी , यह लोग इस शोर को कभी भी बंद नहीं होने देंगे और इसी आड़ में यह धंधा चलता रहेगा
चर्च का कहना है . As God's people we stand with the issues of equality of justice, human dignity, identity, and the right to be treated with respect and equality. Therefore the church is involved."
हालाँकि यह हलेलूईये कभी भी यह नहीं बताते की समानता का जो लेवल सनातन में है वह दुनिया में कहीं नहीं कम से कम इन हलेलुइयो के यहाँ तो बिलकुल भी नहीं है जिन्होंने बाइबल की रंगभेद नीति और हैम में शापित वंशजों की कहानी (जेनेसिस) के आधार पर पूरी दुनिया में लगभग 22 करोड़ लोगों का क़त्ल किया और ग़ुलाम बनाया हाल ही में अमेरिका में काले लोगों को बमुश्किल जीवन मूल्य मिला है
समानता का झंडा बुलंद करने वाले हलेलुइए आज भी उसी नीति को फ़ॉलो करते हैं बस स्वरूप बदल गया है क्या इन्होंने अमेरिका में काले लोगों को कोई विशेषाधिकार दिया जैसे हमारे यहाँ दिया गया है ??? पूरे समाज को पहले दलित के नाम पर फिर मंडल कमीशन में पिछड़ो के नाम पर लगभग 7000 से अधिक जातियों में बाँटकर यह खेल खेला जा रहा है अगर समानता लाने का यही रास्ता है तो क्यूँ न अमेरिका अफ़्रीका और अन्य जगहों पर काले लोगों कुछ विशेषाधिकार देकर वह लोग समानता ले आयें ??
प्रश्न बहुत हैं लेकिन आगे वाले भाग में मिलते हैं कुछ नए ख़ुलासे और रहस्यों के साथ कौन कौन शामिल है इस षड्यंत्र में और इसके पीछे का असल खेल जारी .....
#हलेलूईया #भाग_4
हलेलूईया सिरीज़ में अब तीन भाग जोशुआ पर लिखा गया है जिसमें उसका निर्माण , कार्य प्रणाली , फ़ंडिंग और अन्य चीज़ों के बारे में लिखा यह भाग उसी का विस्तार है जिसमें आपको जेनेसिस के सिद्धांतों के अनुसार उनके मत परिवर्तन की प्रक्रिया और अमेरिकन एजेन्सीज की मिलीभगत के बारे में बताया जाएगा
जोशुआ प्रोजेक्ट के लिए जो लिस्ट तैयार की गई उसकी मदद डॉक्टर KS सिंह के दस्तावेज़ ( जाती ,भाषा , सामाजिक स्थिति , आर्थिक स्थिति) से ली गई यह पहले बता चुका हूँ जिसको उन्होंने तैयार किया , उस दस्तावेज़ के हिसाब से जोशुआ के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई जिसको तैयार किया कई सारे ईसाई संगठनों ने मिलकर जिसमें प्रमुख थे
Summer Institute of Linguistics, World Vision (WV), and the Foreign Mission Board (affiliated with the Southern Baptist Convention)
समर इन्स्टिटूट ऑफ़ लिंग्विस्टिक वही संस्था जिससे अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेन्सी CIA अपने ख़ुफ़िया ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए मदद ले चुकी है और CIA ने इसको खुलेआम स्वीकार किया है यह किसी से छुपा नहीं है एक किताब छपी थी 1995 में जिसका नाम था "Thy Will Be Done " इसको लिखा था Gerard Colby and Charlotte Dennett ने और वो कहते हैं
"one finds details of CIA-Wycliffe missions to source anthropological data from Latin America. "
साथ ही वह कहते हैं जी लैटिन अमेरिका के दस्तावेज़ों पर अगर सरसरी निगाह मरेंगे तो यह साफ़ हो जाएगा की किस महाद्वीप में CIA ने क्या किया है ,यह एक बहुत ही बड़ा इशारा है हमारी सुरक्षा की सेंध पर लेकिन हमारा पूरा तंत्र सो रहा है
भारत में चलने वाले अधिकाधिक NGO को फ़ंड कहाँ से आता है ??? यह एक बड़ा सवाल है और सीधा सा जवाब है "यूनाइटेड स्टेट एजेन्सी फ़ॉर इंटर्नैशनल डिवेलप्मेंट " "(USAID) से
USAID की स्थापना पीस कॉर्प के साथ कलैबरेशन में प्रेज़िडेंट जॉन एफ केनेडी द्वारा हुई जिनका उद्देश्य बताया गया शांति और डिवेलप्मेंट , जॉन केनेडी को कॉम्युनिज़म का स्टेम कहा जा सकता है यह सनद रहे ~~~~~~
अब दुबारा आप उस किताब की तरफ़ रूख करेंगे तो पाएँगे की USAID और CIA गठबंधन किस तरह अपने मिशन को अंजाम दे रहा है यह सिर्फ़ मतपरिवर्तन तक नहीं है बल्कि so-called कॉम्युनिस्ट द्वारा पूरे देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करना है
हमारी सरकार क्या करती थी अगर आप वह जानना चाहते हैं तो आंध्रा में Y S R रेडी की सरकार के समय बने चर्च का पता कीजिए लगभग सरकारी ख़र्च में ही बनाए गए सोनिया माता अपनी ईयटैलियन अम्माँ के समय में मिशनरीज़ के लिए किए गए वीज़ा नियमो में बदलाव को अगर एक बार नज़र डालेंगे तो आधी सच्चाई तो बाहर आ ही जाएगी
ऊपर से एरुसलम जाने वालों के लिए हज की तरह सब्सिडी का प्रावधान दिया गया जबकि सरकारी एजेन्सीज को यह ज्ञात है की देश में चल रहे NGO और मिशनरीज़ देश की सुरक्षा के लिए ख़तरा हैं उसके बाद भी सरकारी ख़र्च पर विश्व भ्रमण का उद्देश्य क्या है आप स्वयं समझदार हैं
देश में चल रहे NGO पर नज़र डालिए और उनके मालिक चाहे वह बड़ी बिंदी गैंग हो चाहे वामपंथी ब्रिगेड हो चाहे वह अन्य कोई भी हो सबके नाम मैं यहाँ तो नहीं लिख सकता लेकिन किताब में ज़रूर लिखूँगा आप सब पढ़ लीजिएगा फ़िलहाल आप इनकी गतिविधि इनके बयान और इनका NGO इन तीन चीज़ों पर ध्यान देंगे तो यह लोगों किसी न किसी तरह मिशनरीज़ को उनकी गतिविधि बढ़ाने में मदद पहुँचा रहे हैं
चाहे धर्म पर हमले करके चाहे जातिवाद से चाहे मोदी का डर दिखाकर हाँ नरेंद्र मोदी आपको इसलिए भी चाहिए की इनकी गतिविधियाँ रुकी रहें जैसे NGO की फ़ंडिंग इत्यादि ख़ैर मैं इसे राजनैतिक पोस्ट नहीं बनाना चाहूँगा आप ख़ुद समझदार हैं लेकिन कांग्रेस सरकार (केरल) में जो लोन वेवर स्कीम लाई है कन्वर्टेड हलेलुइयो के लिए वह भी इसी का पार्ट है लिंक
अगले भाग में जेनेसिस की कहानी का पूर्ण उपयोग बताया जाएगा यह अधिक लम्बा हो गया इसको यही विराम देते हैं।
.......क्रमशः
Hr. deepak raj mirdha
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Reviewed by deepakrajsimple
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March 03, 2018
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