आन्तरिक बल
--प्रेम
-अपने मन में कपट नहीं सच्ची और अच्छी बाते याद रखो ।
--गन्ने की मशीन मे गन्ना डालते है तो मिठास पहले मशीन को मिलता है ।
-अच्छी बाते, अच्छे विचार और स्नेह के विचार मन में रखने से एक ख़स प्रकार का रस बनता है जो गन्ने के रस की तरह जीवन में मधुरता टपकने लगती है ।
-प्रेम के द्वारा बिना किसी तलवार के अपने साम्राज्य पर शासन कर सकते है अर्थात प्रेम के द्वारा सब के मनो पर राज्य कर सकते है । जब लोग हमे दिल से पसंद करते है तो उन पर राज्य करने में भी हमे कोई परेशानी नहीं होती ।
-सामने वाले ने कोई गलती की फ़िर भी आप ने उस गलती की सजा ना दे कर उसके साथ ठीक वैसा ही व्यवहार जारी रखा, जैस आप उनके गलती करने से पहले करते थे तो यही सच्चा प्रेम है जो दूसरो केनो पर राज करता है ।
-मनुष्य गलती इसलिये करता है क्योंकि उसके पास हर जानकारी नहीं होती अर्थात सूक्ष्म ज्ञान की कमी है ।
- कई बार सामने वाले हमारे साथ ऐसी ऐसी. घटनाये कर जाते है, जिन्हे हम भूल नहीं पाते. हम अन्दर ही अन्दर कुढ़ते रहते है । सामने वाले को सजा देना चाहते है या खुद को सजा देना चाहते है ।सामने वाला आगे भी उस तरह कि गलती ना करे, इसलिये जो बताने योग्य है वह उसे ज़रूर बताओ । हां उसका आर्थिक नुकसान ना करे । पीठ पर लात मारो पेट पर नहीं । ऐसा करने से आप को अच्छा अच्छा सा लगेगा । यही स्नेह है जो आप को एक दिन आप को राज़ तख्त दिलायेंगा ।
-आग में हाथ डालोगे तो वह जला देगी । पानी में छलाँग लगाओगे तो वह डुबो देगा ।प्रकृति तरस नहीं खाती । ऐसे ही अगर नफरत दोगे तो नफरत मिलेगी, स्नेह देंगे तो स्नेह मिलेगा । अगर सूक्ष्म में ध्यान देते है कि लोगो में क्या कमी है तो लोग भी आप की क्या सूक्ष्म कमजोरी है उस ओर ध्यान देंगे । आप मन में सब के प्रति स्नेह रखेंगे तो लोग भी सूक्ष्म में स्नेह देंगे । प्रकृति का नियम ऐक्शन और रीएक्शन का याद रखो । किसी को सजा देने वा नुकसान का नहीं सोचना सदा स्नेह देने का विचार मन में रखो आप को निरंतर स्नेह की अनुभूती हीती रहेगी ।
-अगर आप में दया या प्रेम का भाव नहीं होगा तो पुराने विचार मन में चलते रहेंगे । उनसे बचने लिये मन में सोचते रहो मै दयालु हूं स्नेही हूं तब आप मै मानसिक चैन बना रहेगा ।
-प्रेम में दुख नहीं होता, करुणा होती है जिस से हमे आनंद मिलता है ।
--प्रेम
-अपने मन में कपट नहीं सच्ची और अच्छी बाते याद रखो ।
--गन्ने की मशीन मे गन्ना डालते है तो मिठास पहले मशीन को मिलता है ।
-अच्छी बाते, अच्छे विचार और स्नेह के विचार मन में रखने से एक ख़स प्रकार का रस बनता है जो गन्ने के रस की तरह जीवन में मधुरता टपकने लगती है ।
-प्रेम के द्वारा बिना किसी तलवार के अपने साम्राज्य पर शासन कर सकते है अर्थात प्रेम के द्वारा सब के मनो पर राज्य कर सकते है । जब लोग हमे दिल से पसंद करते है तो उन पर राज्य करने में भी हमे कोई परेशानी नहीं होती ।
-सामने वाले ने कोई गलती की फ़िर भी आप ने उस गलती की सजा ना दे कर उसके साथ ठीक वैसा ही व्यवहार जारी रखा, जैस आप उनके गलती करने से पहले करते थे तो यही सच्चा प्रेम है जो दूसरो केनो पर राज करता है ।
-मनुष्य गलती इसलिये करता है क्योंकि उसके पास हर जानकारी नहीं होती अर्थात सूक्ष्म ज्ञान की कमी है ।
- कई बार सामने वाले हमारे साथ ऐसी ऐसी. घटनाये कर जाते है, जिन्हे हम भूल नहीं पाते. हम अन्दर ही अन्दर कुढ़ते रहते है । सामने वाले को सजा देना चाहते है या खुद को सजा देना चाहते है ।सामने वाला आगे भी उस तरह कि गलती ना करे, इसलिये जो बताने योग्य है वह उसे ज़रूर बताओ । हां उसका आर्थिक नुकसान ना करे । पीठ पर लात मारो पेट पर नहीं । ऐसा करने से आप को अच्छा अच्छा सा लगेगा । यही स्नेह है जो आप को एक दिन आप को राज़ तख्त दिलायेंगा ।
-आग में हाथ डालोगे तो वह जला देगी । पानी में छलाँग लगाओगे तो वह डुबो देगा ।प्रकृति तरस नहीं खाती । ऐसे ही अगर नफरत दोगे तो नफरत मिलेगी, स्नेह देंगे तो स्नेह मिलेगा । अगर सूक्ष्म में ध्यान देते है कि लोगो में क्या कमी है तो लोग भी आप की क्या सूक्ष्म कमजोरी है उस ओर ध्यान देंगे । आप मन में सब के प्रति स्नेह रखेंगे तो लोग भी सूक्ष्म में स्नेह देंगे । प्रकृति का नियम ऐक्शन और रीएक्शन का याद रखो । किसी को सजा देने वा नुकसान का नहीं सोचना सदा स्नेह देने का विचार मन में रखो आप को निरंतर स्नेह की अनुभूती हीती रहेगी ।
-अगर आप में दया या प्रेम का भाव नहीं होगा तो पुराने विचार मन में चलते रहेंगे । उनसे बचने लिये मन में सोचते रहो मै दयालु हूं स्नेही हूं तब आप मै मानसिक चैन बना रहेगा ।
-प्रेम में दुख नहीं होता, करुणा होती है जिस से हमे आनंद मिलता है ।
deepak raj mirdha
yog teacher , Acupressure therapist and blogger
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Reviewed by deepakrajsimple
on
October 21, 2017
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