रणनीति_योद्धाओं_को_ही_बनाने_दो
महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था और दुर्योधन सरोवर के जल का स्तंभन कर के उसके अंदर प्रविष्ट होकर छुपा बैठा था। जब तक उसका अंत न किया जाता, युद्ध समाप्त होने से रहा । इसलिए गुप्तचर लगाए गए और पता चल गया कि वो कहाँ है । वहाँ जाकर उसे आवाज दी गयी । बाहर आकर लड़ने को बोला गया ।
उसने आपत्ति जताई कि तुम सारे हो, मैं अकेला हूँ । यह धर्मयद्ध नहीं होगा । इसपर युधिष्ठिर ने उसे खरी खरी सुना दी कि धर्मयुद्ध की बात अभिमन्यु को मारते समय तुम्हें याद न आई ? लेकिन कोई बात नहीं, हम धर्मयुद्ध ही करेंगे । तुम बाहर आओ, हम ही तुम्हें कवच शिरस्त्राण देते हैं, अपनी पसंद का शस्त्र जो गदा चाहे वो लेना और ऊपर से तुम्हें यह भी वर मैं देता हूँ कि तुम द्वंद्व के लिए हम पांचों में से किसी को भी चुन सकते हो । जीते तो तुम राजा बनोगे । और कहो क्या चाहते हो, प्राणों के लिए तुम्हें युद्ध करना होगा । सो उन्हें छोड़कर जो हम दे सकते हैं, मांग लो ।
गर्विष्ठ दुर्योधन ने प्रतिउत्तर किया कि तुम में से जो मुझसे गदा युद्ध करने में सक्षम हो, सामने आए । उसे तो मारूँगा ही, उसके बाद बाकी चारों को भी युद्ध कर के मार दूँगा । आ जाओ एक एक करके !
इस पर कृद्ध होकर कृष्ण ने युधिष्ठिर को जो झाड दिया था यह अपने आप में एक उदाहरण है ।
युधिष्ठिर को कृष्ण ने कहा कि तुम क्या कह गए हो कुछ समझ भी रहे हो ? तेरह वर्ष तक भीमसेन को गदायुद्ध में हराने की तृष्णा से दुर्योधन ने उसका लोह का पुतला बनाया है और उसपर गदायुद्ध का अभ्यास करता रहा है । आज गदायुद्ध में उसकी जोड़ का कोई योद्धा है ही नहीं तुम्हारे पास । भीम भी गदायुद्ध में उसके जोड़ी का नहीं है । आज फिर से तुम्हारे भीतर का जुआरी मचल गया है कि ऐसे बोल पड़े हो ! भीम के पास बल है लेकिन दुर्योधन के पास महान कौशल है । बल और कौशल में जीत कौशल की ही होती है । आज तो गदा से सुसज्ज दुर्योधन को गदायुद्ध में हराना तो किसी देव के भी बस की बात नहीं है, मनुष्य की बात ही क्या करें । दुर्योधन भी शक्तिशाली है और अत्यंत कुशल योद्धा है । नियमों से युद्ध कर के आज उसे हराना भीम के लिए भी मुश्किल है, बाकी रहे तुम, अर्जुन, नकुल, सहदेव - तुम लोगों की तो कोई गिनती भी नहीं है उसके सामने । तुमने ऐसे बोला भी कैसे कि उठाओ गदा, हम में से किसी भी एक को चुनो, जिसे मार सको तो राजा होंगे ? बेशक, तुम पण्डुपुत्रों के नसीब में राज्य करना लिखा नहीं है जो ऐसी बातें करते हो । फूटा नसीब लिए आए हो तुम ! वनवास भोगने या भिक्षा मांगने के ही लायक हो ! (शल्यपर्व अध्याय 32 का अंतिम भाग और अध्याय 33 की शुरुआत का भावानुवाद)
आगे गदायुद्ध हुआ जिसके बारे में सब जानते ही हैं ।
घटोत्कच की कहानी भी याद करें । भीम का पुत्र था लेकिन था तो उत्पाती राक्षस ही । कौरवों ने अलंबुष राक्षस की सेना को बुलाया जो मायावी युद्ध कर रही थी उसका सामना करने घटोत्कच की सेना ही सक्षम थी । उसके बाद कर्ण की अमोघ शक्ति जो अर्जुन का प्राणान्त कर सकती थी उसके लिए कृष्ण ने घटोत्कच को प्रेरित किया । धर्म के लिए स्वप्राणों की आहुती देकर भी घटोत्कच ने कर्ण को उस अमोघ शक्ति से विहीन कर दिया ।
घटोत्कच के मृत्यु से विलाप करते पांडवों को कृष्ण ने ही परिप्रेक्ष्य और परिस्थिति का भान कराया ।
और एक कहानी है, जनरल यूलीसस ग्रांट की । अमेरिकन सिविल वॉर में लिंकन की सेना के सेनापति रहे (आगे चलकर प्रेसिडेंट भी हुए) । कहा जाता है कि पीने का जबर्दस्त शौक रखते थे ।
तो हुआ यूं कि एक महिला ने प्रेसिडेंट लिंकन को चिट्ठी लिखी कि ऐसे मद्यपि को सेना से निकाल दिया जाये । शाम ढलते ही यह टल्ली हो जाता है, इसे तो सेना में भी नहीं होना चाहिए, सेनापति होना तो बिलकुल गलत है ।
प्रेसिडेंट लिंकन ने जवाब भेजा कि मैडम, आप को अगर ज्ञात है कि जनरल ग्रांट कौनसी व्हिस्की पीते हैं तो कृपा करके बताने का कष्ट करें । बाकी सेनापतियों को पीपा भर के भेज दूंगा । जनरल ग्रांट लड़ाइयाँ जीत रहे हैं, दूसरे कम से कम उनकीवाली व्हिस्की पियें तो शायद जीते भी, अब तक तो हार ही जा रहे हैं ।
आज मुकुल रॉय को लेकर कोई पवित्तर नहीं किया गया । जो है सो है । शत्रु जिस तरीके से लड़ता है उसको पहचानकर उसकी काट आवश्यक है । बलिदान हुए योद्धा का सम्मान कितना भी करें, वो आप के काम नहीं आयेगा । उसकी नैतिकता उसे ऐसे शत्रु से नहीं बचा पायी जिसके नैतिकता के पैमाने ही अलग हो । उसका आदर करनेवाले भी उस नैतिकता का अनुसरण नहीं करेंगे क्योंकि उससे हार और मृत्यु निश्चित है ।
उसके बनिस्बत, जो जीतता है वो लुटेरा, हत्यारा, बलात्कारी - सब कुछ होकर भी जीत के कारण अनुकरणीय हो जाता है ।
बंगाल की जमीन देश के लिए मायने रखती है । जरा नक्शा देखिये, वहाँ के डेमोग्राफिक्स देखिये । बांगला देश के युद्ध सामग्री के ख़रीदारी के बारे में कुछ जानकारी जुटाईये । क्यों खरीद रहा है वो देश, जरा सोचिए । मुघलिस्तान इंस्टीट्यूट कहाँ है और अबतक कार्यरत क्यों है जरा यह भी सोचिए । नोटबंदी का जबर्दस्त फटका कहाँ और किसे लगा था, मालदा को फेक नोट का और ड्रग्स का शहर क्यों माना जाता था जरा देखिये । कहाँ है मालदा, जरा मॅप देखिये । पश्चिम बंगाल की सामरिक पोजीशन समझिए, फिर बात करते हैं ।
आम परिस्थिति में शायद यह निर्णय गलत होता, लेकिन extraordinary circumstances call for extraordinary decisions. आसाम में विश्व शर्मा को आयात करने से आसाम राष्ट्रवाद की मुख्य धारा में आया है । बाकी हर दवाई के साइड एफ़ेक्ट्स होते हैं, लेकिन कभी कभी जहर भी दवा होती है । डॉक्टर सही होना चाहिए यही महत्व रखता है ।
और कोई स्थितियाँ ऐसी भी होती है कि डॉक्टर को छूट देनी ही पड़ती है । बस यही बात है । इल्मी फिल्मी का पता नहीं लेकिन विश्व शर्मा का चुनाव परिणाम देनेवाला रहा । और यहाँ मुकुल रॉय का पर्याय दूसरा नहीं है यह वस्तुस्थिति है । पर्याय क्यों नहीं यह चर्चा आज व्यर्थ है, भविष्य में होना चाहिए यह जानकर उपाय करें, व्यवस्था करें । आज क्यों नहीं इसपर जुगाली निरर्थक है ।
समय बलवान होता है लेकिन समाज निष्क्रिय होता है तब निर्बल बनता है, फिर उस निष्क्रिय समाज को समय अत्यधिक बलवान प्रतीत होता है ।
और हाँ, पर्याय का समय है 2024 । 2019 नहीं, वहाँ लामबंद रहना मजबूरी है । अपने लिए नहीं, आनेवाली पीढ़ियों के लिए । हिन्द की सेना हम भी हैं, और कर्तव्य हमारे भी हैं ।
माँ भारती हम सब का भला करे। जय हिन्द ।
साभार आनन्द राजाध्यक्ष
#भाई अशोक छाबरीया की वॉल से ली गई ये जबरदस्त पोस्ट पढ़िये..
जिन्होंने बैंक का पैसा खाया है ...मोदीजी वापिस निकाल रहे है ...
बैंकोंका पैसा वापस करने केलिए जिंदल स्टील को अपने रेल व्यापार का 49% हिस्सा बेचना प ड़ रहा है,और हां उसने अपने 3500 मेगावाटके पावर प्लांट को भीSELLपर लगा दिया है! एस्सार का भी यही हाल है,जनता के पैसे को अब हर हाल में लौटाना है,इसलिए वो भी अपने स्टील कारोबार का बड़ा हिस्सा बेचने को मजबूर है और अपने तेल व्यापार की 49%हिस्सेदारी भी बेच रहा है!GVKके भी बुरे दिन आ गए हैं।बैंकों के पैसे लौटाने केलिए अपने बैंगलोर और बॉम्बे एय रपोर्ट 33प्रति शत हिस्सेदारी बेच रहा है और सड़क से जुड़ी अपनी पूरी संपत्ति को सेलपर लगा दिया है!DLFका तो हाल मत पूछो,दिल्ली का भव्य साकेत मॉलतक बेचने की नौबत आ गई और अपने रेंटल और भूमि संपत्ति में से 40प्रतिशत हिस्सा बेच रहा है!GMR ने हाइवे प्रोजेक्ट,साउथ अफ्रीकन कोल माइन,इस्तांबुल एयरपोर्ट और सिंगापुर पावर पोजेक्टका70%,इंडोनेशिया के 2कोयला खदानों को सेल पर लगा दिया है!JPग्रुप अल्ट्राटेक,यमुना एक्सप्रे स वे और JSW में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच रहा है!टाटा भी नहीं बचे,इन्हेंUKमें कोरस स्टील प्लांट बेचना पड़ रहा है,धमरा पोर्टको बेच रहा है, दक्षिण अफ्रीका में नियोटिल बेच रहा है,बॉम्बे में जमीन तक बेचनी पड़ रही है! Lanco आंध्रा और उडूपी में अपने बिजली उत्पादन यूनिट बेच रहा है!Vid eocon 6 सर्किल में अपना टेलीकॉम स्पेक्ट्रम बेचने को मजबूर है,मोन्जाबिक में तेल संपत्ति बेच रहा है! रेनुका सुगर ब्राजील पावर चीनी और बॉयो फ्यूल के कारोबार को निपटाने में जुटा है! सहारा समूह की 86 संपत्तियां बिक रही हैं!फॉर्मूला वन का42 प्रतिशत,मुंबई में सहारा होटल,लंदन के होटल,न्यूयॉर्क प्लाजा होटल,द ड्रीम न्यूयॉर्क होटल और 4हवाई जहाज बेच रहा है!बेचारे विजय माल्या के तो दुर्दिन ही आ गए हैं.सारी की सारी सम्पत्ति बिक रही हैं! रिलायंस इंफ्रास् ट्रक्चर के तो हाल मत पूछो, मुंबईमें बिजली कंपनी के उत्पादन और वितरण का 49%हिस्सेदारी बेचनी पड़ रही है! बिड़ला सीमेंट अपना सीमेंट के व्यापार और सड़क की सारी परियोजना एं बेच रहा है!....................... जरा सोचिए कभी आपने कल्पना की थी कि 60 साल बाद देश की नामी कंपनियां अपनी सम्पत्ति बेचकर बैंक का कर्ज वापस कर रही होंगी, अब तो आपको भी पता चलगया होगा कि ये सूटबूट की सरकार किसके लिए काम कर रही है! कुछ समझ गए होंतो देशहित में इस संदेश को आगे फॉरवर्ड करें, धन्यवाद!
#साभार Jagdish Chandra Pareek
Hr. deepak raj mirdha
yog teacher , Acupressure therapist and blogger
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परिस्थिति होती है जो पापियों को भी पवित्तर करती हैं ।
Reviewed by deepakrajsimple
on
November 09, 2017
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