मैं हिन्दू हु और गर्व है।
क्योंकि इस धर्म मे मेरे सवालों का जवाब है और मैं इन जवाबो से संतुष्ट हूँ। अगर कोई मुस्लिम या ईसाई या कोई और धर्म मे मेरे सवालों का जवाब मिलता तो निश्चय ही मैं उस धर्म को स्वीकार करता।
पर मैं सुक्रगुजार हूँ अपने पूर्वजों का जिन्होंने मुझे सोचने समझने तर्क़ करने का अवसर दिया जो किसी और धर्म मे संभव नही है।
और जब मुझे ये मौका मिला तो मैंने देखा कि धर्म तो केवल हिंदुत्व है (सनातन) बाकी अन्य केवल पंथ या सम्प्रदाय है जिन्हें लोग अपने स्वार्थ सिद्ध करने के लिए गढ़ लिए हैं।
जैसे कि राम रहीम ने गढ़ लिया था।
मुहम्मद या जीजस भी इसी तरह जेल में चक्की पिश रहा होता अगर
अगर कानून का सच मे राज़ होता उस समय।
हिंदुत्व सास्वत है। जो भी हमेसा है वो सत्य है वही सनातन है। वो ही स्थाई है। ये जगत के अलावा भी कुछ है जो वास्तविक है जिसका ज्ञान संनातन देता है।
ईसाइयत और इस्लाम के लिए तो वेश्यावृति और नशा हीअंतिम सच है। मरने के बाद वो सेक्स सराब की कामना करते हैं और जिंदा रहतेआलोचना करते हैं।
deepak raj mirdha
yog teacher , Acupressure therapist and blogger
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