कुछ लोग कहते है कि भारत का इतिहास बहुत ही सुनहरा रहा है पर यहां किसी चीज का डॉक्यूमेंटेशन नही किया जाता था सो हमे जानकारी नही है। ये हमारे पूर्वजों की गलती थी जिसका अपमान हमे सहना पड़ता है।
इन मूर्खो को कोई बताए कि नालंदा में जो डॉक्यूमेंट जलाए गए अगर वो क्या थे। दुनिया की किसी भी लाइब्रेरी से ज्यादा डॉक्यूमेंट वहां मौजूद थे जिसे जला दिया गया।
तो पहले सभी जला दिया गया।
अब इल्जाम हैंकि लिखकर नही रखा।
अगर दिमाग और लॉजिक नाम की चिज है तो इसको समझ सकते हो कि भारत मे जितने भी अक्रमकारी आये उन्होंने डाक्यूमेंट्स या बुक्स को क्यो जलाया। ताकि लोगो को असली इतिहास ही न मालूम हो पाए। सच क्या है वो हमेसा के लिए दफन हो जाये। और अंग्रेजो ने एक कदम आगे बढ़ते हुए एक झूठा इतिहास लिखकर उसे सच्चे इतिहास से रिप्लेस कर दिया । चुपके से। और ओरिजिनल को ब्रिटेन ले गए जहां से वो अब अमेरिका के पास पहुंचा या जर्मनी के पास।
वो पुराने डॉक्यूमेंट वापस लाइये।
संस्कृत पढिये।पढ़ाइए। तब सच पता चले।
deepak raj mirdha
yog teacher , Acupressure therapist and blogger
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