फ्री सेक्स और वामपंथ

हिन्दू धर्म मे विवाह हुआ तो इसका मतलब ही है कि पति पत्नी में सहमति है। आपको क्या लगता है कि विवाह किसी और से होता है और सहमति किसी और को दी जाती है। 
वास्तव में पश्चिम में विवाह नामक संस्था पूर्ण अस्तित्व में खुद कभी नही थी। बार बार नई लायेगा तो बार बार पूछना पड़ेगा। तो विवाह नही होने पर ही ऐसा होगा। पर भारतीय परंपरा में पत्नी घर के सभी निर्णय में बराबर की हकदार है। सेक्स कोई अलग से मुद्दा नही है। पस्चिम के पुराने विचार धारा में महिलाओ को निर्जीव माना जाता था। इसलिए पूछा ही नही जाता था सेक्स के लिए। केवल बड़े अफसर और राजघराने के लोग सादी करते थे क्योंकि वहां राज्य और शासन की जरूरत होती थी।
पश्चिम में महिलाओ ने विद्रोह किया । और ये सफल रहा। सफलता इसी में थी कि अब बिना सहमति के सेक्स बालात्कार माना जायेगा। पर ये पश्चिम या यूरोप की कहानी थी। इस कहानी को ये वामपंथी लोग भारत जैसे सांस्कृतिक रूप से समृद्ध देश पर लादना चाहते हैं।

साथ ही जिसस ने अपनी प्राइवेट वेश्या मेरी मेकडालींन के रिस्ते छुपाए रखा। अब जब लोगो को ये बात पता चल गई है तो उसके काम को जस्टिफिकेशन के लिए ये स्त्रीवादी विचार खड़ा किया गया है।
deepak raj mirdha
yog teacher , Acupressure therapist and blogger
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