बलात्कार पर दण्ड विधान

*सनातन धर्म vs इस्लाम*

*बलात्कार पर दण्ड विधान*

 हर समाज में कुछ मानसिक विक्षिप्त लोग होते हैं जो बलात्कार जैसे अधम कृत्य को करके अपने समाज की छवि धूमिल करते हैं जिसके कारण हमारे धर्म पर भी लांछन लगाने का मौका मिल जाता है विधर्मियों को और साथ साथ कुछ मूर्ख हिन्दू भी उन विधर्मियों की हां में हां मिलाते हुए अपने धर्म को ही कोसने लगते हैं । 
आज आपको स्पष्ट करते हैं कि बलात्कार जैसे कुकृत्य पर हमारे धर्म मे बहुत ही जटिल प्रावधान है जबकि इस्लाम मे इस अधम कृत्य को मजहब की मंजूरी प्राप्त है ।

*सनातन धर्म मे बलात्कार कादण्ड*

संवत २०७५, चाणक्य के मगध में छः वर्ष की कन्या बलत्कृत कर दी जाती है। क्या दण्ड हो ?
विष्णुधमर्सूत्र आधारित विष्णुस्मृति के अनुसार अविवाहित अवयस्क कन्या के साथ बलात् यौनाचार की स्थति में लिंगोच्छेदन और मृत्युदण्ड की व्यवस्था थी। बृहस्पति के अनुसार, बलात्कारी की सम्पत्तिहरण करके उसका लिंगोच्छेद करवा कर उसे गधे पर बिठा कर घुमाया जाए । कात्यायन बलात्कारी को मृत्युदण्ड दिया जाने के पक्ष में हैं। नारदस्मृति अंग भंग की आज्ञा देती है। कौटिल्य सम्पत्तिहरण करके अग्नि में जलाने का दण्ड देते हैं।याज्ञवल्क्य सम्पत्ति और प्राण दोनों हर लेने के पक्ष में हैं। मनु महाराज कठोर हैं एक हजार पण अर्थदण्ड, निवार्सन, और ललाट पर चिन्ह अंकित कर समाज से बहिष्कृत करने का दण्ड देते हैं।
वेद में इस विषय में अनेक मन्त्र हैं , परन्तु यहाँ पर यजुर्वेद का सिर्फ एक मन्त्र प्रस्तुत है -
उत्सक्थ्या अवगुदं धेहि समंजिं चारया विशन्।
य: स्त्रीणां जीवभोजन:॥
(यजु.23.21)
'मितराक्षरा' में याज्ञवल्यक्य ने स्पष्टकिया है कि किसी पुरुष का किसी स्त्री के साथ मात्र कामसुख के लिए बलात् समागम करना व्यभिचार है । यह दण्डनीय है ।
भारत के प्राचीन विधिशास्त्रियों ने बलात्कारियों के लिए दण्ड का निधार्रण करते हुए जिस बात को ध्यान में रखे जाने का निदेर्श दिया है वह है स्त्री का विवाहित अथवा अविवाहित होना । बलात्कार जैसे जघन्य  अपराध के लिए विभिन्न विधिशास्त्रियों द्वारा निधार्रित दण्डों का विवरण क्रमश: इस प्रकार है -        
बृहस्पति : बलात्कारी की सम्पत्तिहरण करके उसका लिंगोच्छेद करवा कर उसे गधे पर बिठा कर  घुमाया जाए ।
कात्यायन : बलात्कारी को मृत्युदण्ड दिया जाए ।
नारदस्मृति :बलात्कारी को शारीरिक दण्ड दिया जाना चाहिए ।
कौटिल्य : सम्पत्तिहरण करके कटाअग्नि में जलाने का दण्ड दिया जाना चाहिए ।
याज्ञवल्क्य : सम्पत्तिहरण कर प्राणदण्ड दिया जाना चाहिए ।
मनुस्मृति  : एक हजार पण का अर्थदण्ड, निवार्सन, ललाट पर चिन्ह अंकित कर समाज से बहिष्कृत करने का दण्ड दिया जाना चाहिए ।
ये दंड विवाहित अथवा अविवाहित दोनों प्रकार वयस्क क्स्त्रयों के साथ बलात्कार की स्थिति में निर्धारित किए गए थे । किन्तु अविवाहित कन्या विशेषरूप से अवयस्क कन्या के साथ बलात्  यौनाचार की स्थति में (अपराध की जघन्यता के अनुसार) प्रमुख दण्ड थे-
1-लिंगोच्छेदन
2-दो उंगलियां काट दिया जाना
3-उंगलियां काटना तथा छ: पण का दण्ड
4-दो सौ पण अर्थदण्ड
5-हाथ काट दिया जाना तथा दोसौ पण अर्थदण्ड
6- मृत्युदण्ड
कौटिल्य  के अनुसार कन्या के साथ बलात्कार करने में जो भी सहयोग करे, अवसर अथवा स्थान उपलब्ध कराए उसे भी अपराधी के समान दण्ड दिया जाना चाहिए । उंगली काटने अथवा मृत्युदण्ड का निधार्रण इस आधार पर होता था कि बलात्कार किस प्रकार किया गया- लिंग प्रवेश द्वारा अथवा उंगली प्रक्षेप द्वारा ।
  दासी तथा वेश्याओं के साथ किए जाने वाले बलात्कार के लिए अलग से दण्ड विधान था । ऐसे किसी भी प्रकरण में निम्नानुसार दण्ड दिया जा सकता था-
1-बारह कृष्णल का अर्थदण्ड
2-चौबीस पण का अर्थदण्ड
3-पचास पण का अर्थदण्ड
4-एक सहस्त्र पण का अर्थदण्ड
5-निवार्सन
6- मृत्युदण्ड (अस्पृश्यस्त्री के साथ बलात् यौनक्रिया पर -विष्णुधमर्सूत्र आधारित विष्णुस्मृति के अनुसार निधार्रित दण्ड)
    इस प्रकार स्पष्ट हो जाता है कि बलात्कार जैसे अमानवीय  और जघन्य  अपराध के लिए प्राचीन दण्ड विधान में कठोर दण्ड दिए जाने के प्रावधान थे ताकि समाज में ऐसे आपराधिक कृत्य  कम से कम घटित हों, व्यक्ति अपराध करने से डरे तथा स्त्रियां यौन-अपराधों से सुरक्षित रहें ।

*इस्लाम मे बलात्कार जिहाद का हथियार*

जिहाद दुनिया का सबसे घृणित कार्य और सबसे निंदनीय विचार है .लेकिन इस्लाम में इसे परम पुण्य का काम बताया गया है .जिहाद इस्लाम का अनिवार्य अंग है .मुहम्मद जिहाद से दुनिया को इस्लाम के झंडे के नीचे लाना चाहता था .मुहलामानों ने जिहाद के नाम पर देश के देश बर्बाद कर दिए .हमेशा जिहादियों के निशाने पर औरतें ही रही हैं .क्योंकि औरतें अल्लाह नी नजर में भोग की वस्तु हैं .और बलात्कार जिहाद का प्रमुख हथियार है .मुसलमानों ने औरतों से बलात्कार करके ही अपनी संख्या बढाई थी .मुहम्मद भी बलात्कारी था .मुसलमान यही परम्परा आज भी निभा रहे है .यह रसूल की सुन्नत है ,कुरान के अनुसार मुसलमानों को वही काम करना चाहिए जो मुहम्मद ने किये थे .कुरान में लिख है-

"जो रसूल की रीति चली आ रही है और तुम उस रीति(सुन्नत )में कोई परवर्तन नहीं पाओगे "सूरा -अल फतह 48 :23 

"यह अल्लाह की रीति है यह तुम्हारे गुजर जाने के बाद भी चलती रहेगी .तुम इसमे कोई बदलाव नहीं पाओगे .सूरा -अहजाब 33 :62 
"तुम यह नहीं पाओगे कि कभी अल्लाह की रीति को बदल दिया हो ,या टाल दिया गया हो .सूरा -फातिर 33 :62 

यही कारण है कि मुसलमान अपनी दुष्टता नही छोड़ना चाहते .जिसे लोग पाप और अपराध मानते हैं ,मुसलमान उसे रसूल की सुन्नत औ अपना धर्म मानते है .और उनको हर तरह के कुकर्म करने पर शर्म की जगह गर्व होता है .बलात्कार भी एक ऐसा काम है .जो जिहादी करते है -

1 -बलात्कार जिहादी का अधिकार है 

"उकावा ने कहा की रसूल ने कहा कि जिहाद में पकड़ी गई औरतों से बलात्कार करना जिहादिओं का अधिकार है .

बुखारी -जिल्द 1 किताब 5 हदीस 282 

"रसूल ने कहा कि अगर मुसलमान किसी गैर मुस्लिम औरत के साथ बलात्कार करते हैं ,तो इसमे उनका कोई गुनाह नहीं है .यह तो अल्लाह ने उनको अधिकार दिया है ,औ बलात्कार के समय औरत को मार मी सकते हैं"

बुखारी -जिल्द 7 किताब 62 हदीस 132 

बुखारी -जिल्द 1 किताब 52 हदीस 220 

2 -जिहाद में बलात्कार जरूरी है 

सईदुल खुदरी ने कहा कि ,रसूल ने कहा कि सामूहिक बलात्कार करने से लोगों में इस्लाम की धाक बैठ जाती है .इसलिए जिहाद में बलात्कार करना बहुत जरूरी है .

बुखारी जिल्द 6 किताब 60 हदीस 139 

3 -बलात्कार से इस्लाम मजबूत होता है 

"इब्ने औंन ने कहा कि,रसूल ने कहा कि किसी मुसलमान को परेशां करना गुनाह है ,और गैर मुस्लिमों को क़त्ल करना और उनकी औरतों के साथ बलात्कार करना इस्लाम को आगे बढ़ाना है.बुखारी -जिल्द 8 किताब 73 हदीस 70 

"रसूल ने कहा कि मैंने दहशत और बलात्कार से लोगों को डराया ,और इस्लाम को मजबूत किया .बुखारी -जिल्द 4 किताब 85 हदीस 220 

"रसूल ने कहा कि ,अगर काफ़िर इस्लाम कबूल नहीं करते ,तो उनको क़त्ल करो ,लूटो ,और उनकी औरतों से बलात्कार करो .और इस तरह इस्लाम को आगे बढ़ाओ और इस्लाम को मजबूत करो.बुखारी -जिल्द 4 किताब 54 हदीस 464 

4 -माल के बदले बलात्कार 

"रसूल ने कहा कि जो भी माले गनीमत मिले ,उस पर तुम्हारा अधिकार होगा .चाहे वह खाने का सामान हो या कुछ और .अगर कुछ नहीं मिले तो दुश्मनों कीऔरतों से बलात्कार करो ,औए दुश्मन को परास्त करो .बुखारी -जिल्द 7 किताब 65 हदीस 286 . 

(नोट -इसी हदीस के अनुसार बंगलादेश के युद्ध में पाकिस्तानी सेना ने बलात्कार किया था )

5 -बलात्कार का आदेश ' 

"सैदुल खुदरी ने कहा कि रसूल ने अपने लोगों (जिहादियों )से कहा ,जाओ मुशरिकों पर हमला करो .और उनकी जितनी औरतें मिलें पकड़ लो ,और उनसे बलात्कार करो .इस से मुशरिकों के हौसले पस्त हो जायेंगे .बुखारी -जिल्द 3 किताब 34 हदीस 432 

6 -माँ बेटी से एक साथ बलात्कार 

"आयशा ने कहा कि .रसूल अपने लोगों के साथ मिलकर पकड़ी गई औरतों से सामूहिक बलात्कार करते थे .और उन औरतीं के साथ क्रूरता का व्यवहार करते थे .बुहारी -जिल्द 7 किताब 62 हदीस 67 

"सैदुल खुदरी ने कहा कि रसूल ने 61 औरतों से बलात्कार किया था .जिसमे सभी शामिल थे .औरतों में कई ऎसी थीं जो माँ और बेटी थीं हमने माँ के सामने बेटी से औए बेटी के सामने माँ से बलात्कार किया .मुस्लिम -किताब 8 हदीस 3371 और बुखारी -जिल्द 4 किताब 52 हदीस 288 

7 -बलात्कार में जल्दी नहीं करो 

"अ ने कहा कि रसूल ने कहा कि ,पकड़ी गयी औरतो से बलात्कार में जल्दी नहीं करो .और बलात्कार ने जितना लगे पूरा समय लगाओ "

बुखारी -जिल्द 2 किताब 23 हदीस 446 . 

यही नहीं बलात्कार की इस मजहबी रिवाज को मुसलमान अमल में भी ला रहे हैं जिसका जीता जागता प्रमाण ये वीडियो है ----

*अल्लाह के नाम से बलात्कार*

मुहम्मद साहब को अपना आदर्श मानकर और उनका अनुसरण करते हुए कुरान की मानवविरोधी शिक्षा पर अमल करने से मुसलमान इतने अपराधी ,क्रूर और बलात्कारी हो गए कि बलात्कार जैसे जघन्य कुकर्म को भी अल्लाह के प्रति अपना प्रेम समझने लगे हैं . इसी कारण बलात्कार की घटनाएँ बढ़ रही है .इस बात को सिद्ध करने के लिए मिस्र देश की यह एक ही सच्ची घटना काफी है ,
मिस्र को इजिप्ट ( Egypt) भी कहा जाता है . यह इस्लामी देश है , लेकिन यहाँ कुछ ऐसे ईसाई भी रहते हैं ,जो इस्लाम के पूर्व से ही यहाँ रहते आये हैं .इनको " कोप्टिक ईसाई - Coptic Christian "कहा जाता है . अरबी में इनको" नसारा " कहते हैं .मुस्लमान अक्सर इनकी लड़कियों का अपहरण करके बलात्कार करते रहते है .
यह सन 2009 की घटना है . कुछ मुस्लिम युवकों ने एक ईसाई लड़की को बीच रस्ते से पकड़ लिया , और सबके सामने उसकी जींस उतार कर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया .जब लड़की ने भागने का प्रयत्न किया तो दर्शक मुसलमान चिल्लाये पकड़ो , नसारा को पकड़ो .और जब उस लाचार लड़की से बलात्कार हो रहा था , तो वहां कुछ मुल्ले भी मौजूद थे , जो कलमा पढ़ रहे थे " ला इलाहा इल्लालाह , मुहम्मदुर रसूल अल्लाह "यही नहीं लड़की दर्द के कारण जितनी जोर से चिल्लाती थी . मुसलमान उतनी ही जोर से "अल्लाहु अकबर " का नारा लगाते थे . यही नहीं इन दुष्ट मुसलमानों में इस घटना का विडियो भी बना लिया था . जो किसी तरह से 11/4/2013 को लोगों के सामने आ सका है .यह विडियो इस साईट में उपलब्ध है ,
Video:Christian Girls Gang Raped to Screams of "Allahu Akbar" in Egypt

बलात्कार पर दण्ड विधान बलात्कार पर दण्ड विधान Reviewed by deepakrajsimple on April 21, 2018 Rating: 5

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