ना तो जनवरी साल का पहला मास है और ना ही 1 जनवरी पहला दिन ।



साभार आर्य दीपक फूल

अगर आप भी आज तक जनवरी को पहला महीना मानते आए है, तो इस लेख को पढ़कर कृपया पुनः विचार करिए।

*तथ्य नं:-1*
हिन्दी में सात को सप्त, आठ को अष्ट कहा जाता है, इसे अग्रेज़ी में sept(सेप्ट) तथा oct(ओक्ट) कहा जाता है...
ऐसे ही *nov=9 और dec=10*

इसके अनुसार तो
सितंबर, अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर क्रम से 7वाँ, 8वाँ, 9वाँ और 10वाँ महीना होना चाहिए जबकि ऐसा नहीं है  
ये क्रम से 9वाँ,10वाँ,11वां और12वाँ महीना है। 

*तथ्य नं:-2*
*1752(calendar act 1751, England देखे) के पहले दिसंबर दसवाँ महीना ही हुआ करता था।*और नव वर्ष 25 मार्च को मनाया जाता था। 

इसका एक प्रमाण और है ..
जरा विचार करिए कि 25 दिसंबर यानि क्रिसमस को X-mas क्यों कहा जाता है????
इसका उत्तर ये है की "X" रोमन लिपि में दस का प्रतीक है और mas यानि मास अर्थात महीना। चूंकि दिसंबर दसवां महीना हुआ करता था,इसलिए *25 दिसंबर दसवां महीना यानि X-mas* से प्रचलित हो गया।

*तथ्य नं:-3*
भारत इंग्लैंड समेत विश्व के अनेक देशों मे *वित्त-वर्ष अप्रैल मे शुरू होकर अगले मार्च तक होता है,* 
भारतीय नववर्ष(संवत) भी मार्च-अप्रैल मे ही मनाया जाता है।
इन सब बातों से ये निष्कर्ष निकलता है की प्राचीन काल में अंग्रेज़ भारतीयों के प्रभाव में थे इस कारण सब कुछ भारतीयों जैसा ही करते थे।

इसका एक अन्य प्रमाण देखिए-
दिन की शुरुआत सूर्योदय से होती है तो फिर अंग्रेज अपनी तारीख या दिन 12 बजे रात को क्यों बदल देते है?

दरअसल भारत में नया दिन सुबह से गिना जाता है, सूर्योदय से करीब एक-डेढ़ घंटे पहले के समय को ब्रह्म-मुहूर्त्त की बेला कही जाती है और यहाँ से नए दिन की शुरुआत होती है.. यानि की करीब 5-5.30 के आस-पास और इस समय इंग्लैंड की घङी मे रात के 12 बज रहे होते है।

*तथ्य नं:-4*
भारत सरकार ने वर्ष 1957 मे *राष्ट्रीय क्लेंडर के रूप मे शक संवत को स्वीकार किया था जिसका नव वर्ष भी 21/22 मार्च ही होता है।*
हालाँकि लेखक शक संवत से भी ज्यादा अच्छा विक्रमी संवत को मानता है क्योंकि यह भारत के गौरवमयी इतिहास और भारतीय काल गणना के ज्यादा अनुकूल है।
उल्लेखनिय है विक्रमी संवत अंग्रेजी कलेंडर से लगभग 57 वर्ष आगे है। 

अगर आप भी इस लेख को पढ़ने के बाद भारतीय इतिहास और वैदिक ज्ञान पर पहले से ज्यादा गौरवान्वित महसूस कर रहे है, तो इसे ज्यादा से ज्यादा लोगो तक पहुँचाए।
(वास्तविक लेख को इस लिंक पर जाकर लाइक शेयर अवश्य करिएगा https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1165102873604684&id=100003149485907&ref=bookmarks )

नोट:- हमारा *नवसवंत्सर(विक्रमी संवत्) 2075 चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा*(यानी 18 मार्च 2018) से शुरू हो रहा है।

अपने मित्रो परिजनो को शुभकामनाएँ देना न भुले।वो भी रात 12 बजे नहीं बल्कि प्रातः सुर्य उदय के साथ।

*#जनवरी_नहीं_मार्च*
#NotJanuaryButMarch


ना तो जनवरी साल का पहला मास है और ना ही 1 जनवरी पहला दिन । ना तो जनवरी साल का पहला मास है और ना ही 1 जनवरी पहला दिन । Reviewed by deepakrajsimple on February 07, 2018 Rating: 5

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